फतेहपुर, बाराबंकी। मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम हमारे आख़िरी नबी हैं और अल्लाह ने उन्हें दुनिया में रहमतुललिल आलमीन बनाकर भेजा। अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की ज़िन्दगी दुनिया के तमाम इन्सानों के लिए आदर्श और मार्गदर्शक है।
उक्त विचार माह रबीउल अव्वल के मुबारक मौके पर ग्राम हज़रतपुर में आयोजित जलसा-ए-सीरतुन्नबी व ऑल इण्डिया नातिया मुशायरा के मौके पर हज़रत मौलाना मोहम्मद सलमान मज़ाहिरी ने व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि हमें माँ-बाप की खिदमत करना चाहिए, पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करना। और गरीब यतीम मज़लूम लोगों की मदद करनी चाहिए
हज़रत मौलाना मोहम्मद अशफ़ाक़ क़ासमी की सदारत में होने वाले इस कार्यक्रम का प्रारम्भ हाफ़िज़ मोहम्मद इफ्तिखार की तिलावते-कलाम से हुआ जबकि संचालन कारी मोहम्मद सिराज मदनी ने किया। देर रात शुरू होने वाले नातिया मुशायरे की सदारत करते हुए उस्ताद शायर अहमद सईद हर्फ़ ने अपने ख़िताब में कहा कि अल्लाह जिसे तौफ़ीक़ देता है वही नात व मनकबत की शायरी कर पाता है।
हमारे आक़ा हुज़ूर अक़दस सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने बगैर किसी भेदभाव के हर एक इन्सान को गले लगाया और मनावता एवं प्रेम का सन्देश दिया। आक़ा के जांनिसार सहाबा किराम ने भी सीरते-आक़ा के अनुसार अपनी पूरी ज़िन्दगी गुज़री और गरीबों, मज़लूमों, यतीमों, बेसहारों की मदद करते रहे।
हम सभी को मोहम्मद मुस्तफा स0 और सहाबा रजी0 की इताअत और पैरवी करनी चाहिए ताकि हम सब दुनिया और आख़िरत में कामयाब हो सकें। नमाज़ पाबन्दी से पढ़ें क्योंकि नमाज़ बेहयाई और बुरे कामों से रोकती है। नातिया मुशायरे में अहमद सईद हर्फ़ ने पढ़ा- ताएफ में ज़ुल्म सहके भी दुश्मन को दी दुआ, पढ़कर तो देखिए कभी सीरत रसूल की।
शमशेर जहानागंजवी ने पढ़ा- हज़रते उस्मान दामादे नबी हैं, जो शहादत का बहाना ढूंढते हैं। तनवीर अख़तर मऊ ने पढ़ा- तक़दीर पे इतराऊं ए काश हो गर ऐसा, तनवीर भी जन्नत में हस्सान भी जन्नत में। मज़लूम और यतीमों के गमख़्वार आ गए, घर आमिना के सय्यदे अबरार आ गए।
हस्सान साहिर ने पढ़ा- जिबरील की हद है सिदरह आख़िरी लेकिन, आफताबे आलम की अर्श तक रसाई है। इसके अलावा ज़ीशान जहांगीराबादी, कारी सिराज मैदानी, शुऐब फतेहपुरी ने भी अपने नातिया कलाम पेश किये। आखिर में कनवीनर मुशायरा हाफिज अब्दुल कादिर ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर सरपरस्त हाफ़िज़ फखरुद्दीन, हाफिज मो0 ज़फर, हाफिज अहमद हुसैन, हाफिज मो0 मुमताज़, हाफिज अब्दुल कादिर, मौलाना मो0 शफ़ीक़ हलीमी, हाफिज मो0 एहतिशाम, मौलवी मो0 नफीस, हाफिज मो0 कफील, हाफिज शान मोहम्मद, हाजी एजाज़ अहमद अंसारी, कमरुल हसन पूर्व प्रधान, हाफिज मो0 फैसल, सलीम खान, मो0 रियाज़, कामरान खान आदि लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।
