सौरिख कन्नौज कस्बे में नगर के पहाड़ी बाबा मंदिर ,शिवाला मंदिर, सोमनाथ मंदिर, कछियाना मोहल्ला ,कॉलोनी मोहल्ला,काली देवी मंदिर,सदर बाजार मंदिर, नादेमऊ रोड समेत कई जगह भगवान गणेश जी की स्थापना की गई।
वही इस महोत्सव का उत्सव कस्बे में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। पहाड़ी बाबा मंदिर पर पंडित अवधेश द्विवेदी ने मंत्रोचारण के साथ अभिषेक त्रिपाठी वा पत्नी मधु त्रिपाठी ने सुबह पूजन किया वही सोमनाथ मंदिर पर चेयरमैन राहुल गुप्ता ने पूजन किया।वही आचार्य अवधेश दुवेदी ने श्रद्धालुओं को बताया कि मातृभक्त गणेश अपनी मां के अलावा किसी भी बात मानने को तैयार नहीं थे फिर चाहे महादेव ही क्यों न हो
इससे शिवा अत्यधिक चिंतित हुए क्योंकि इस बालक पर अत्यधिक सृष्टि का दायित्व आना था देवाहिदेव ने इसी को ध्यान रखते हुए एक लीला की मां पार्वती जब नहाने गई और गणेश जी को आदेश दिया कि कोई भी अंदर नहा सके गणेश द्वार पर बैठ गए इस समय शिवाजी आए और अंदर जाने लगे गणेश ने उन्हें रोका, लाख समझाने पर भी जब वह न माने तो क्रोधित हो होकर के उन्होंने त्रिशूल से गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया इस अप्रत्याशित घटना से समूची प्रकृति देव दानव सब भयभीत हो गए और यह भाई प्रत्यक्ष रूप में प्रकट हुआ मां पार्वती ने रूप में उनके क्रोध को देखकर सब कांप उठे शिव से जब मां ने सिर काटने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी घटना बताई
तो मां ने कहा कुछ समय आप प्रतीक्षा नहीं कर सकते थे यदि नहीं तो अब इसे जीवित करो अन्यथा में सारी श्रेष्ठ को नष्ट कर दूंगी प्रकृति के रक्षक ने मां के संकल्प को देखकर अपनी हार मानते हुए गणेश को जीवित करते हुए हाथी का सर लगा दिया सभी प्रसन्न हुए चारों ओर प्रथम पूज्य गणेश की जय जयकार करने लगे इसी प्रकार सभी मित्रों में आज सुबह पूजन करने के बाद शाम को आरती की गई बाद में प्रसाद वितरण किया गया इस मौके पर प्रमोद कुमार त्रिपाठी, आदित्य चतुर्वेदी, कविंद्र चतुर्वेदी,विनीत त्रिपाठी, किल्टू मिश्रा, शिबू दुबे,जीवन मिश्रा, वंकटेश शुक्ला, अनुज त्रिपाठी, छोटे मिश्रा,महिलाओं में बेबी त्रिपाठी, सुनीता त्रिपाठी, राधा त्रिपाठी, मीरा दुबे, समेत कई श्रदालु उपस्थित रहे।