फतेहपुर बाराबंकी । देवा मेला ऑडिटोरियम में सीरत-उन-नबी कॉन्फ्रेंस और नातिया मुशायरे का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें शाही इमाम मौलाना कारी फजलुल मन्नान रहमानी ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि हमें अल्लाह की रस्सी को मजबूती से थामना चाहिए और तफरका से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल लोग अल्लाह के बताए रास्ते से भटक गए हैं, और उन्हें बुराइयों से बचकर इस्लाम के सिद्धांतों पर चलना चाहिए।
मुख्य वक्ता मौलाना इब्ने-अब्बास ने अपने संबोधन में नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के उत्कृष्ट चरित्र की चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस्लाम का प्रचार तलवार से नहीं, बल्कि हमारे नबी के नैतिक आचरण से हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे प्यारे नबी ने हमेशा कमजोरों और जरूरतमंदों की सहायता की है और अम्न का पैगाम दिया है।
कॉन्फ्रेंस का आगाज कारी मुजीब की तिलावत से हुआ, जबकि मौलाना उमर अब्दुल्ला कासमी ने नात पेश की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना फजलुल मन्नान रहमानी ने की, जबकि नातिया मुशायरे की सदारत उस्ताद शायर अमीर हमज़ा आजमी ने की।
सीरत कमेटी की ओर से उलमा-ए-किराम का सम्मान करते हुए चादरपोशी की गई। इसके बाद डॉक्टर अबरार उल हक उस्मानी को सीरत अवार्ड से नवाजा गया। नातिया मुशायरे में कई शायरों ने अपने उत्कृष्ट कलाम पेश किए, जिनमें अहमद सईद हर्फ़, इरफान लखनवी और सगीर नूरी शामिल थे।
कार्यक्रम के अंत में सदस्य अहमद सईद हर्फ़ ने सभी मेहमानों और शायरों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, और मौलाना मिन्हाज आलम नदवी की दुआ से कार्यक्रम का समापन हुआ।