गोण्डा (ब्यूरो)। प्राइवेट स्कूलों की फीस वसूली की मनमानी के खिलाफ राष्ट्रीय छात्र पंचायत के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को गोण्डा कलेक्ट्रेट परिसर में अनोखे अंदाज़ में विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ता मच्छरदानी के भीतर बैठकर धरने पर डटे रहे और सरकार से स्कूल फीस नियंत्रण कानून लाने की मांग की।प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय ने कहा कि “मच्छर जैसे छोटे जीव हमारे खून को चूसते हैं,
उससे बचाव के लिए हम मच्छरदानी का सहारा लेते हैं, लेकिन आम जनता का खून चूसने वाले इन प्राइवेट स्कूलों से कैसे बचा जाए, यह सबसे बड़ा सवाल है। आज शिक्षा एक व्यवसाय बन चुकी है।
किताबें, ड्रेस, किट, ट्यूशन फीस और अन्य शुल्कों के नाम पर अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
“इस विरोध के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की कि अब चुप नहीं बैठा जाएगा। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मच्छरदानी में बैठकर प्रतीकात्मक रूप से दिखाया कि जिस तरह मच्छरदानी से मच्छरों से बचा जा सकता है,
उसी तरह किसी ठोस नियम के बिना स्कूलों की लूट से नहीं बचा जा सकता।जिला महामंत्री आलोक गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय छात्र पंचायत बीते कई दिनों से गांव-गांव जाकर चौपालें लगा रही है, हस्ताक्षर अभियान चला रही है और अभिभावकों को जागरूक कर रही है।
उन्होंने कहा कि “हमारी स्पष्ट मांग है कि उत्तर प्रदेश में फीस रेगुलेशन बिल लाया जाए ताकि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लग सके। जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती, यह आंदोलन जारी रहेगा।
“अभिभावक सिद्धार्थ दुबे, जो भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए, ने कहा, “मैंने अपने बच्चे का नर्सरी में नामांकन कराया है लेकिन इतनी अधिक फीस देनी पड़ रही है कि जैसे हम ग्रेजुएशन की पढ़ाई करवा रहे हों।
आम व्यक्ति के लिए इतनी महंगी शिक्षा को वहन करना मुश्किल हो गया है।”इस मौके पर जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ला, एडवोकेट सूरज शुक्ला, प्रदीप यादव, रंजीत पांडे, राजेश मौर्य, शुभम तिवारी और सतीश मिश्रा समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में फीस नियंत्रण कानून की मांग की और चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।