बाराबंकी । शीतलहर जिले में जारी कड़ाके की शीतलहर ने मंगलवार को एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया।
भीषण ठंड से बचाव के लिए केवल इंसान ही नहीं, बल्कि बेजुबान जानवर भी अलाव की शरण लेते नजर आए।
जब सुबह तापमान 7–8 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, तब शहर के अलग-अलग इलाकों में गाय-बछड़े, कुत्ते और बंदर आग की गर्माहट लेते दिखे।
शहर के सार्वजनिक स्थानों और चौराहों पर जल रहे अलावों के पास कई मार्मिक दृश्य सामने आए। दो अलग-अलग स्थानों पर गाय-बछड़े लोगों के साथ अलाव के पास खड़े होकर ठंड से राहत पाते दिखे।
वहीं एक कुत्ता भी आग की आंच के बेहद करीब बैठकर खुद को ठंड से बचाने की कोशिश करता नजर आया। सबसे भावुक कर देने वाला दृश्य तब देखने को मिला,
जब एक भट्टी के पास एक बंदर अपने छोटे-छोटे बच्चों को सीने से लगाए अलाव तापता दिखा। मां की ममता और ठंड से जूझते बेजुबानों का यह दृश्य राहगीरों को कुछ पल के लिए ठहरने पर मजबूर कर गया।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतनी भीषण ठंड में जानवर भी बेहाल हैं और गर्माहट की तलाश में इंसानों के पास आने को मजबूर हैं।
बीते कई दिनों से जारी शीतलहर के कारण जिले में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। आवश्यकता न होने पर लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
सुबह के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। जो लोग बाहर निकले, वे अलाव के सहारे दिन काटते दिखे। शहर के चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर जगह-जगह अलाव जलाए गए हैं,
जहां रिक्शा चालक, ठेलेवाले और मजदूर वर्ग के लोग घंटों बैठकर ठंड से राहत पा रहे हैं और अपना रोज़मर्रा का कामकाज कर रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी ठंड का प्रकोप जारी रहने की संभावना है, जिससे लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।








