दिल्ली । महात्मा गांधी द्वारा 1932 में स्थापित हरिजन सेवक संघ ने 24 सितंबर को अपने 92वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर समाज में अस्पृश्यता के खिलाफ काम करने और हरिजनों की सेवा के लिए संघ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। पहले अध्यक्ष घन श्याम दास बिड़ला के नेतृत्व में संघ ने 27 वर्षों तक सेवा कार्य किया।
इसके बाद माता रामेश्वरी नेहरू और दीदी निर्मला देशपांडे जैसी प्रमुख व्यक्तित्वों ने संघ की दिशा को आगे बढ़ाया। इस वर्ष का समारोह विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह पहले से तय तिथि पर मनाया गया, लेकिन समारोह की शुरुआत 18 सितंबर से ही गांधी आश्रम की सफाई और सजावट के साथ हुई। निरंकारी मिशन के सदस्यों ने इस सेवा कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे परिसर की सुंदरता में वृद्धि हुई।
24 सितंबर के समारोह में आचार्य विनोबा के प्रतिमा के साथ गांधी जी की अद्भुत प्रतिमा का भी महत्व था। सम्मेलन की मुख्य अतिथि निरंकारी मिशन की मुखिया राज माता सुदीक्षा जी महाराज थीं। दीप प्रज्वलन, भजन-कीर्तन और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस समारोह को विशेष बना दिया।
दूसरे दिन बच्चों ने योग प्रस्तुतियों के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें हरिजन सेवक संघ के पदाधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी की। अंत में, विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और संगठन के भविष्य के प्रति आशा व्यक्त की। इस सम्मेलन ने समाज में सद्भावना और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया, जो आने वाले समय में भी जारी रहेगा।