अहमद सईद
फतेहपुर, बाराबंकी । रबीउल अव्वल के मुबारक महीने में ही हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम दुनिया में तशरीफ़ लाये और तमाम इंसानों को अम्न, मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम दिया, आपको मोहसिने-इंसानियत भी कहा जाता है।
उक्त विचार मौलाना मोहम्मद साबिर कासमी ने जेली सीरत कमेटी द्वारा 12 रबीउल अव्वल के अवसर पर आयोजित होने वाले चार दिवसीय परम्परागत कार्यक्रमों के सिलसिले में होने वाली मीटिंग में दफ़तर अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड फतेहपुर में रखे। उन्होंने आगे कहा कि सीरते-रसूल और सीरते-सहाबा अमल में आ जाये तो ज़िन्दगी कामयाब हो जाएगी।
मालूम हो कि सीरत कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता जेली सीरत कमेटी के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साबिर क़ासमी ने की जबकि संचालन अहमद सईद हर्फ़ ने किया।
मीटिंग में मुफ़्ती नजीब क़ासमी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबा किराम हमारी ज़िन्दगी के लिए मशअले-राह हैं, हम सभी से अक़ीदत, मोहब्ब्त रखते हैं और सभी का एहतिराम करते हैं।
सीरत कमेटी की इस मीटिंग में ये तय हुआ कि 11 रबीउल अव्वल को मदरसों के बच्चों के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 12 रबीउल अव्वल को क़दीमी तारीख़ी जुलूस मदहे-सहाबा अपने तयशुदा रास्तों से निकलेगा और 13 रबीउल अव्वल को तक़रीर उलमाए-किराम होगी और 14 रबीउल अव्वल को ऑल इण्डिया नातिया मुशायरा आयोजित होगा। 12 रबीउल अव्वल को जुलूस मदहे-सहाबा में झंडों वाली अंजुमनें बड़े हॉर्न या साउंड नहीं लाएंगी और छोटी लड़कियों को जुलूस में झंडा लाने की अनुमति नहीं है।
इस अवसर पर अंजुमन के सदर मो0 असलम एडवोकेट, नायब सदर मुमताज़ अहमद, सीरत कमेटी के सरपरस्त डॉ0 जमाल, सचिव अतीक अहमद, कोषाध्यक्ष हाजी एजाज़ अहमद अंसारी,नायब सदर शक़ील अहमद, नसीम गुड्डू, रिज़वान मुनीर पत्रकार, हाजी मुतिउल्लाह, मो0 अक़ीक़ पप्पू , उपसचिव यूसुफ जमाल, अनवर एडवोकेट, खुर्शीद जमाल, शाकिर बहलीमी, आज़म अली, इमरान सहबा, अनस सलमानी, सुहैल खान, रेहान खान, मुईद अहमद, मो0 वसी, मो0 लतीफ, बरकत अली आदि लोग उपस्थित रहे।