ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ । एस आर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के वॉइस चेयरमैन, पीयूष सिंह चौहान को हाल ही में उत्तर प्रदेश कलारीपयट्टू एसोसिएशन का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह निर्णय कलारीपयट्टू एसोसिएशन की विशेष जनरल बॉडी मीटिंग में लिया गया, जिसमें 2024 से 2028 के टर्म का चुनाव भी हुआ। इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पीयूष सिंह चौहान का चयन उनके अनुभव और समर्पण के आधार पर किया गया है।
कलारीपयट्टू, जो कि दुनिया की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट तकनीकों में से एक मानी जाती है, की उत्पत्ति केरल से हुई है। यह केवल एक युद्ध कौशल नहीं है, बल्कि इसे सीखने वाले व्यक्ति को मर्मा उपचार में भी दक्षता प्राप्त होती है। यह विधि न केवल शारीरिक शक्ति को विकसित करती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होती है।
इस नियुक्ति के अवसर पर, पीयूष सिंह चौहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कलारीपयट्टू एसोसिएशन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक गर्व की बात है कि मुझे इस महत्वपूर्ण उपाधि के लिए चुना गया। मेरा लक्ष्य है कि मैं इस प्राचीन मार्शल आर्ट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाऊँ और इसे अधिक से अधिक लोगों के बीच लोकप्रिय बनाऊँ।” उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने का आश्वासन भी दिया।
चौहान ने यह भी कहा कि वे कलारीपयट्टू को न केवल एक खेल के रूप में, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी प्रमोट करना चाहते हैं। उनके अनुसार, यह कला न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण और अनुशासन का भी पाठ पढ़ाती है।
कलारीपयट्टू एसोसिएशन के अन्य सदस्यों ने भी इस नियुक्ति पर खुशी व्यक्त की और चौहान के नेतृत्व में एसोसिएशन के विकास की उम्मीद जताई। यह नियुक्ति कलारीपयट्टू के प्रशंसकों और प्रशिक्षकों के लिए नई उम्मीदें लेकर आई है। चौहान के नेतृत्व में एसोसिएशन नई दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है।
इस तरह की नियुक्तियाँ न केवल खेल को प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी में स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित भी करती हैं। पीयूष सिंह चौहान का समर्पण और दृष्टि निश्चित रूप से कलारीपयट्टू के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक होगी।