मो. शहीर
बाराबंकी : dewa mela 2024 के अंतर्गत शुक्रवार को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में स्कूली बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने ऑडिटोरियम को तालियों की गूंज से भर दिया। इस कार्यक्रम में बच्चों की प्रतिभा ने दर्शकों का दिल जीत लिया और उनकी प्रस्तुतियों ने सांस्कृतिक मंच को जीवंत कर दिया। खासकर, समाज में जागरूकता फैलाने और भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाली प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
देवा मेला में कार्यक्रम का शुभारंभ जीजीआईसी देवा की छात्राओं द्वारा संचारी रोगों के प्रति जागरूकता गीत के साथ हुआ। इस गीत के माध्यम से उन्होंने रोगों से बचाव और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया, जिसकी सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों के दिल को छू लिया। इसके बाद रफी मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने “चक दे इंडिया” गीत पर एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी। उनके उत्साह और प्रदर्शन ने ऑडिटोरियम में एक नई ऊर्जा का संचार किया।
अगली प्रस्तुति में पिरामिड डांस और “और पढ़ेंगे हम” गीत के माध्यम से बच्चों ने शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का संदेश दिया। इसके बाद, प्राथमिक विद्यालय शेषपुर के छात्रों ने “वेलकम सॉन्ग” और “छोटी सी नन्ही सी परी” की मधुर प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। यह बच्चों की मासूमियत और उनकी प्रतिभा का अद्भुत संगम था, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
कंपोजिट स्कूल टिकरिया की छात्राओं ने “नारी शक्ति” पर आधारित एक सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। इस गीत के माध्यम से उन्होंने महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया और दर्शकों को प्रेरित किया। इसके बाद, संस्कार ग्लोबल स्कूल अमरसंडा के बच्चों ने “मां बाप का दिल न दुखा” नामक कव्वाली प्रस्तुत की, जो परिवार और माता-पिता के प्रति बच्चों की भावनाओं को दर्शाने में सफल रही। इसके बाद, प्राथमिक विद्यालय माधोपुर की छात्राओं ने “कजरी” गीत पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनोरंजन किया।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय देवा की छात्राओं ने एक नाटक की प्रस्तुति दी, जिसमें वृक्षारोपण का महत्व बताया गया। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले इस नाटक ने सभी को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक किया। इसके बाद “रंगीलो मारो ढोलना” गीत पर प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों को राजस्थान की रंगीन सांस्कृतिक धरोहर का अहसास कराया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में प्रशिक्षु क्षेत्राधिकारी गरिमा पंत, जीजीआईसी देवा की प्रिंसिपल डॉ. सुविद्या वत्स, और मंचीय व्यवस्थापक सतीश तिवारी एवं दिलीप मिश्रा उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
dewa mela में स्कूली बच्चों के इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि युवा पीढ़ी में अद्भुत रचनात्मकता और समाज के प्रति संवेदनशीलता का भाव है। उनकी प्रस्तुतियों ने न केवल दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए प्रेरित भी किया।