लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय शिक्षकों में शैक्षिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। यह प्रयास कला, शिल्प, और कठपुतली जैसी रचनात्मक विधियों के माध्यम से शिक्षण को और अधिक आकर्षक बनाने पर केंद्रित है।
राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट एवं पपेट्री शिक्षण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को पारंपरिक तरीकों से हटकर नई और प्रभावशाली विधियों से शिक्षा में सुधार लाना है। यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), लखनऊ द्वारा संचालित है और इसका शुभारंभ 2017-18 में योगी सरकार के गठन के साथ हुआ था। इस वर्ष, प्रतियोगिता का आयोजन 21 से 25 अक्टूबर के बीच किया जा रहा है।
हर जनपद से एक चयनित शिक्षक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले रहा है। ये शिक्षक लखनऊ स्थित एससीईआरटी में आयोजित दूसरे चरण की प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर रहे हैं। इस बार 75 जनपदों से कुल 375 शिक्षकों को अपनी क्षमताएँ दिखाने का मौका मिला है। प्रतिभागी शिक्षक शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) का उपयोग करते हुए यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके द्वारा तैयार की गई सामग्री बच्चों के लिए कितनी निपुणता ला सकती है।
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले नए शिक्षकों को अवसर देकर उनके नवाचारों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी एक शिक्षक का नाम बार-बार प्रतियोगिता के लिए नहीं भेजा जाएगा, जिससे नए प्रतिभाओं को अपनी पहचान बनाने का मौका मिले।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक गणेश कुमार ने बताया कि यह प्रतियोगिता शिक्षकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इसमें वे अपनी रचनात्मकता और नवाचारों को प्रदर्शित कर सकते हैं। शिक्षण को कला, क्राफ्ट और पपेट्री जैसी विधियों के साथ जोड़ना, शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास न केवल शिक्षकों को प्रेरित कर रहा है, बल्कि छात्रों के लिए शिक्षा के अनुभव को और अधिक रोचक एवं प्रभावी बनाने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।