पराली जलाने का मुद्दा: प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

फतेहपुर के देव कालिया में पराली जलाने का मुद्दा

बाराबंकी : फतेहपुर तहसील के कस्बा भगोली के निकट स्थित ग्राम देव कालिया में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले चार से छह दिनों में लगभग दस खेतों में पराली को आग के हवाले कर दिया गया है, जो न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि आस-पास के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है।

किसान आमतौर पर अपनी फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने का सहारा लेते हैं, जिससे खेतों की सफाई में तेजी आती है। लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान उठने वाला धुआं और अन्य प्रदूषणकारी तत्व गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस समय के दौरान धुएं के कारण सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गई हैं।

पराली जलाने का मुद्दा
फतेहपुर के देव कालिया में पराली जलाने का मुद्दा: प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

इस गंभीर समस्या के बावजूद, स्थानीय प्रशासन और फतेहपुर के कर्मचारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। ग्रामवासियों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यह स्थिति किसानों की लापरवाही से ज्यादा प्रशासनिक असफलता को दर्शाती है।

किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। यदि किसान इस पराली को जलाने के बजाय उसे अन्य तरीकों से नष्ट करें, तो न केवल वे अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकेंगे, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकेंगे।

स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें और किसानों को वैकल्पिक तरीके सुझाएं, जैसे कि पराली को खाद में बदलना या उसका उपयोग बायोमास ऊर्जा के उत्पादन में करना।

फतेहपुर के देव कालिया में पराली जलाने का मुद्दा
फतेहपुर के देव कालिया में पराली जलाने का मुद्दा: प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

इस समय, यह आवश्यक है कि प्रशासन सक्रिय भूमिका निभाए और इस समस्या के प्रति गंभीरता से ध्यान दे। पर्यावरण की सुरक्षा और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि यह स्थिति ऐसे ही चलती रही, तो इसका दीर्घकालिक असर न केवल क्षेत्र के पर्यावरण पर, बल्कि किसानों की कृषि पर भी पड़ेगा।

फतेहपुर के किसानों और स्थानीय प्रशासन के बीच संवाद स्थापित कर इस समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए। समय रहते ठोस कदम उठाए गए, तो ही फतेहपुर में इस तरह की समस्याओं से निपटा जा सकेगा।

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Author: TSOI

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