महमूद आलम
बाराबंकी : जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पी ०जी० कॉलेज, बाराबंकी में आत्मनिर्भर भारत विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो०(डॉ०) सीताराम सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना बहुत पहले आजादी से पूर्व राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान स्वदेशी आंदोलन के रूप में हमारे सामने आया ।
आजादी के बाद से अब तक हमारा देश बहुत सारे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो चुका है। फिर भी अभी पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में देश के समक्ष अभी बहुत सारी चुनौतियां हैं, इसके लिए जरूरी है की आत्मनिर्भरता के रास्ते में आने वाली उन चुनौतियों और रूकावटों को चिन्हित कर उन्हें दूर किया जाए।
उन्होंने कहा की परंपरागत रूढ़ियों और अंधविश्वास से मुक्त आधुनिक शिक्षा और ज्ञान विज्ञान तक व्यापक आबादी की पहुंच आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए बहुत जरूरी है।
इतिहास विभाग के श्री मानव कुमार सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत सबसे जरूरी *कृषि और खाद्यान्न* के क्षेत्र में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है ।

आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी है कि हम बाजारवाद और उपभोग संस्कृति के दुष्प्रभाव से खुद को बचाएं। डॉ०अनुराग कृष्ण यादव ने कहा कि हमारी आत्मनिर्भर प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति इतनी समृद्ध है कि हमें दूसरे देशों की नकल करने की कोई जरूरत नहीं है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभाग के प्रो०अमित कुमार ने कहा कि आज वैश्विकरण और उदारीकरण के दौर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरी है कि हम आधुनिक शिक्षा और रिसर्च/शोध पर अधिक से अधिक ध्यान दें। बी०ए० प्रथम वर्ष की छात्रा बुशरा खातून ने आत्मनिर्भर भारत पर अपने विचार को कविता के माध्यम से व्यक्त किया। छात्र देवानंद यादव ने भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय के छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।
