उरई जालौन) । यमुना नदी के जलस्तर में तेज रफ्तार से वृद्धि हुई है। संभावित बाढ़ की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए राजस्व कर्मियों के साथ उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने मंगलवार को यमुना नदी के तटवर्ती दर्जन भर ग्रामों में दौरा किया।तथा ग्रामीणों से सतर्क रहने की हिदायत दी ।
केन्द्रीय जल आयोग केंद्र कालपी के प्रभारी रूपेश कुमार ने बताया कि मध्य रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक यमुना नदी का कालपी में जल स्तर 22 से लेकर 35 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से वृद्धि हुई है।100.04 मीटर से बढ़ कर वुधवार की दोपहर 2 बजे जल स्तर बढ़ 105.06 मीटर पर दर्ज कराया गया है।
इस दृष्टिकोूथंण से प्रति घंटा की रफ्तार से 35 सेमी की रफ्तार से वृद्धि हो रही है।नंजबकि खतरे का लाल निशान 108 मी पर अंकित है इस दृष्टिकोण से 3 मीटर खतरे के निशान से नीचे यमुना नदी कालपी में बह रही है। केंद्रीय जल आयोग केंद्र प्रभारी रुपेश कुमार ने बताया कि कालपी में यमुना नदी का खतरे का निशान 108 मीटर है।
मालूम हो कि कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी के उफनाने तथा बाढ़ के आसार बढ़ गये है। वही सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन तथा राजस्व विभाग के द्वारा यमुना नदी के तटवर्ती अलग-अलग ग्रामो में बाढ़ राहत चौकियां स्थापित कराई जा चुकी है।
उपजिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने क्षेत्रीय लेखपाल जितेंद्र कुमार सिंह के साथ यमुना नदी के तटवर्ती इलाकों मगरौल, मैनूपुर मदारपुर, हीरापुर, शेखपुर गुढ़ा, कीरतपुर में घूम-घूम कर जायजा लिया तथा ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर जानवरों को नदियों के किनारे न भेजने की हिदायत दी है। तथा सतर्कता बरतने के लिए आगाह किया है।
